रविवार, 25 जनवरी 2009

आसां और मुश्किल


झगडा करना आसां हैं।
पर प्यार बढ़ाना मुश्किल |
कर झगडा समझौता चाहे,
खाई पटना मुश्किल ||

इज्ज़त खोना आसां है,
पर मान बढ़ाना मुश्किल |
पैसा देकर नामुमकिन है,
इसको पाना मुश्किल ||

घर को तोड़ना आसान है,
पर इसे बनाना मुश्किल |
तोड़ के घर को जोड़ना चाहो,
इसे बसाना मुश्किल ||

पेड़ को काटना आसां है,
पर वृक्ष लगाना मुश्किल |
बोए बीज का अंकुर फूटे,
सालों सींचना मुश्किल ||

खर्चा करना आसां है,
पर पैसा बचाना मुश्किल |
वादा करना आसां है,
पर इसे निभाना मुश्किल ||

बातें करना आसां है,
पर पूरी करना मुश्किल |
चलते हुओं को रोकना आसां,
धूरी बनना मुश्किल ||

बात बताना आसां है,
पर भेद छुपाना मुश्किल |
कड़वे-तीर चलाना आसां,
बेद को गाना मुश्किल ||

सहानुभूति की मरहम पट्टी,
मीठी बोली मुश्किल |
दुर्नामों की बोरी आसां,
नाम की झोली मुश्किल ||

आलस में रत रहना आसां,
काम को करना मुश्किल |
क़र्ज़ को लेना आसां है,
पर दाम चुकाना मुश्किल ||

रामायण को पढ़ना आसां,
सीता बनना मुश्किल |
कौरव के किरदार घनेरे,
गीता बनना मुश्किल ||

सुख में छेद को करना आसां,
पीड़ा उठाना मुश्किल |
भार बढ़ाना आसां है, पर
बीड़ा उठाना मुश्किल ||

हारे हुओं को हिम्मत देकर,
धीर बंधाना मुश्किल |
जीवन पथ में भटके हुओं को,
तीर दिखाना मुश्किल ||

मुंह को खोलना आसां है,
पर धीरज धरना मुश्किल |
धीरज धरके - सेवा करके,
नीरज बनना मुश्किल ||

जंग को करना आसां है,
पर संग निभाना मुश्किल |
संग निभाकर ख़ुद को तो,
सतरंग बनाना मुश्किल ||

कपट कलेवर बनना आसां,
सच्चा बनना मुश्किल |
झूठ बदी सब आसां है,
पर अच्छा बनना मुश्किल ||

बात बनाना आसां है,
पर भजन बनाना मुश्किल |
कृष्ण मनाना आसां,
भजन को प्रेम से गाना मुश्किल ||